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Friday, July 8, 2022

सुभाष गुप्ता की कविताओं में बसती है भावनाओं की सतरंगी दुनिया, बार- बार होता है तरल भावनाओं का स्पर्श

लेखक एवं कवि जीतेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि सुभाष गुप्ता की कविताओं में भावनाओं की सतरंगी दुनिया बसती है। प्रो. चंद्रकला त्रिपाठी ने कहा कि अनवरत मौसम प्रवासी जीवन के अनुभव और संवेदना को सृजनात्मक विस्तार देती है।

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