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Thursday, January 31, 2019

IND vs NZ, 4th ODI: विराट की गैरमौजूदगी में टीम इंडिया को मिली सबसे बड़ी हार

भारतीय टीम पिछले कुछ समय से जिस लय में चल रही थी, उसे देखकर यह सोचना भी नहीं जा सकता था कि उनके खिलाफ कोई टीम सबसे बड़ी जीत हासिल कर पाएगी. लेकिन शायद इसे ही खेल कहा जाता है. जहां एक पल में पासा पलट जाता है. गुरुवार को विराट कोहली की गैर मौजूदगी में टीम इंडिया कुछ ऐसी ही दिखी. भले ही न्यूजीलैंड के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज अपने नाम कर चुकी है, लेकिन चौथे वनडे में जो हुआ, उसका अनुमान तो शायद दुनिया के किसी भी क्रिकेट प्रेमी ने नहीं सोचा था. भारतीय टीम कोहली, धोनी, शमी की अनुपस्थिति में रास्ते से भटकी नजर आई और मेजबान न्यूजीलैंड ने उन्हें आठ विकेट से हराकर उनका वाइटवॉश का सपना भी तोड़ दिया. आठ विकेट की जीत हार किसी भी टीम को मिल सकती है, लेकिन अब जरा टीम का स्कोर देख लीजिए. टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए बनाए सिर्फ 92 रन और यह रन ही उन्होंने अपनी स्पिन जोड़ी कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की बदौलत बनाए. नहीं तो टीम 50 रन के करीब ही सिमट जाती. जवाब में मेजबान ने 14.4 ओवर में ही लक्ष्य हासिल कर लिया. न्यूजीलैंड की यह जीत इस लिहाज से बड़ी रही कि आज तक कोई भी भारत के खिलाफ वनडे क्रिकेट में 209 गेंद से अधिक गेंद शेष रहते हुए जीत हासिल कर नहीं पाई थी. लेकिन न्यूजीलैंड ने 212 गेंद पहले ही भारत को हरा दिया. 2010 में श्रीलंका के बाद न्यूजीलैंड ने भारत को इतनी बुरी तरह से हराया. यादगार नहीं बना सके रोहित इस मैच को टीम की कमान संभाल रहे रोहित शर्मा के लिए यह मुकाबला सबसे खास था और इस मैच में तो वह कप्तानी भी कर रहे थे. रोहित का यह 200वां वनडे थे, लेकिन अब वह इस मुकाबले को जरूर भुलाना चाहेंगे. इसीलिए नहीं कि उनकी कप्तानी में टीम हार गई, बल्कि इसीलिए की उनकी अगुआई में दुनिया की सबसे बेहतरीन टीम और विश्व कप की प्रबल दावेदार टीम 100 रन तक भी नहीं बना पाई. रोहित खुद इस मुकाबले में सिर्फ सात रन ही बना सके. बोल्ट की बुलेट भारतीय टीम को चौथे वनडे में संघर्ष करना पड़ेगा. यह तो शुरुआती ओवर में नजर आने लगा था. जहां पिछले तीन मुकाबलों में भारत की सलामी जोड़ी ने धमाकेदार बल्लेबाजी की, वहीं शुरुआती दो ओवर में यहां वह सही से हाथ भी नहीं खोल पाई और 21 रन पर धवन को एलबीडब्ल्यू करके बोल्ट ने भारत को पहला झटका दिया. इसके बाद टीम सिर्फ दो रन ही जोड़ पाई थी कि कप्तान रोहित शर्मा ने बोल्ट को रिटर्न कैच थमा दिया. आठ ओवर तक भारत ने 23 रन बनाकर दो विकेट गंवा दिए थे. कप्तान के लौटने के बाद टीम ने सिर्फ 10 रन ही जोड़े थे कि ग्रैंडहोम ने अंबाती रायुडू के रूप में भारत को तीसरा झटका दे दिया. रायुडू के तुरंत बाद दिनेश कार्तिक भी ग्रैंडहोम के शिकार बने. रायुडू और कार्तिक दोनों डक हुए. 33 रन पर भारत ने चार  विकेट गंवा दिए थे. मौके को भुना नहीं पाए गिल हर कोई अंडर 19 विश्व कप के मैन ऑफ द सीरीज रहे शुभमन गिल को सीनियर टीम में वैसी ही बल्लेबाजी करते हुए देखना चाहता था, जैसी उन्होंने भारत को विश्व कप विजेता बनाने के सफर में की थी. गिल को न्यूजीलैंड दौरे के लिए टीम में शामिल तो किया गया, लेकिन उन्हें चौथे वनडे में डेब्यू करने का मौका मिला था. ज्यादातर को उम्मीद थी कि जिस तरह से अंडर 19 टीम के उनके साथी पृथ्वी शॉ ने शतक लगाकर इंटरनेशन क्रिकेट में कदम रखा था, वो भी कुछ ऐसे ही रखेंगे. लेकिन हुआ कुछ उल्टा. गिल दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू पाए. 33 रन पर ही भारत को गिल के रूप में पांचवां झटका लगा. गिल ठीक उसी तरह से बोल्ट का शिकार बने, जैसे रोहित शर्मा हुए थे. पांड्या ने टीम इंडिया को बचाया गिल के जाने के बाद केदार जाधव एक ओवर बाद ही बोल्ट की गेंद पर एलबीडब्ल्यू हो गए. इसके बाद पांड्या और भुवनेश्वर कुमार ने पारी को संभालने की कोशिश की, लेकिन भुवी ग्रैंडहोम की गेंद पर बोल्ड हो गए. भारत ने 40 रन पर ही सात विकेट गंवा दिए थे और जिस तरह से उसके विकेट गिरे, उससे मुश्किल ही लग रहा था कि वह 50 रन के पार भी पहुंच पाएगी. अगर ऐसा होता तो यह वनडे क्रिकेट के इतिहास में भारत का सबसे न्यूनतम स्कोर होता, लेकिन पांड्या ने भारत को इस शर्मनाम रिकॉर्ड से बचा लिया और कुछ आक्रामक शॉट खेलकर 55 रन तक लेकर गए और यहां पर पांड्या बोल्ट की गेंद पर लाथम को कैच थमा बैठे. वनडे क्रिकेट में भारत का न्यूनतम स्कोर 54 रन का है, जो सन  2000 में श्रीलंका के खिलाफ बनाए थे. इस बार बल्लेबाजी में चली 'कुल्चा' की जोड़ी कुल्चा यानी कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की जोड़ी को अब तक क्रिकेट प्रेमियों ने सिर्फ गेंदबाजी में ही कमाल करते हुए देखा. पिछले दो मैचों में इस जोड़ी ने छह छह विकेट लिए. लेकिन यहां यह जोड़ी एक अलग ही रंग में दिखी. इस जोड़ी से शायद ही किसी ने बल्लेबाजी की उम्मीद की थी, लेकिन यहां दोनों के बीच 25 रन की साझेदारी की, जो इस मैच में भारत की ओर से सर्वाधिक रन जोड़ने वाली जोड़ी रही और इस जोड़ी की बदौलत ही टीम इंडिया 55 रन से 80 रन तक पहुंची. 80 रन पर एश्ले ने कुलदीप को अपना शिकार बनाया. चहल (18*) ने इसके बाद खलील अहमद के साझेदारी करने की कोशिश की और इसी बीच उन्होंने वनडे करियर का अपना सर्वोच्च स्कोर के साथ ही इस मैच में भारत की ओर से सर्वाधिक स्कोर किया. लेकिन दूसरे छोर पर उन्हें खलील से कोई खास मदद नहीं मिली. खलील नीशाम की गेंद पर बोल्ड हो गए और इसके साथ ही भारतीय पारी 92 रन पर सिमट गई. भुवी ने फिर किया अपना काम लक्ष्य का पीछा करने उतरी मेजबान न्यूजीलैंड ने शुरुआत काफी आक्रामक तरीके से की और मार्टिन गप्टिल ने शुरुआती तीन गेंदों पर एक छक्का और दो चौके लगाए. हालांकि लक्ष्य कम होने के कारण भारत के लिए यह बाउंड्री काफी महंगी थी, लेकिन नई गेंद से टीम को सफलता भुवी ने दिला दी. भुवी ने गप्टिल को हार्दिक पांड्या के हाथों कैच करवाया. इसके बाद 39 रन पर भुवी ने मेजबान कप्तान केन विलियमसन को अपना शिकार बनाककर 39 रन पर मेजबान को दूसरा झटका दिया. लेकिन हेनरी निकोल्स (30) और रोस टेलर (37) के बीच हुई नाबाद 54 रन की साझेदारी के दम पर न्यूजीलैंड ने 14.4 ओवर में ही मुकाबला अपने नाम कर लिया.

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